क्या मुश्किल में है reliance infra? अनिल अंबानी समूह की कंपनी पर दिवालियापन याचिका, शेयर में 3% की गिरावट

reliance infra

मुंबई, 3 जून 2025 — अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड एक बार फिर मुश्किलों में घिरी नजर आ रही है। मंगलवार को कंपनी के शेयरों में 3% की गिरावट दर्ज की गई, जब यह खबर सामने आई कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी के खिलाफ दिवालियापन याचिका (Insolvency Plea) को स्वीकार कर लिया है।

शेयर में गिरावट, वो भी रिकॉर्ड हाई के अगले दिन

दिलचस्प बात यह है कि सिर्फ एक दिन पहले ही रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर ₹359 तक पहुंचा था, जो इसका 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर है। लेकिन मंगलवार को निवेशकों की चिंता और अनिश्चितता के चलते शेयर लगभग ₹3% टूटकर नीचे आ गया

कंपनी ने दी सफाई, कहा—बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा

हालांकि कंपनी ने सोमवार को ही इस मामले में स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि:

“NCLT द्वारा याचिका स्वीकार किया जाना सिर्फ एक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसका कंपनी के व्यवसाय संचालन पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा।”

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का कहना है कि वह कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए अपने हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है।

NCLT में याचिका स्वीकार होना क्या दर्शाता है?

NCLT द्वारा याचिका स्वीकार किया जाना भारतीय दिवालिया कानून की प्रारंभिक प्रक्रिया है। इसका मतलब यह नहीं कि कंपनी तुरंत दिवालिया घोषित हो गई है, बल्कि इसका मतलब है कि अब सुनवाई और जांच की प्रक्रिया शुरू होगी।

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर: एक नजर में

reliance infra देश की एक प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में गिनी जाती है। यह:

  • पावर, कंस्ट्रक्शन और मेट्रो प्रोजेक्ट्स में सक्रिय है।

  • देश के कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को संभाल चुकी है।

  • कंपनी की लीडरशिप में अनिल अंबानी हैं, जो कभी भारत के सबसे अमीर लोगों में शुमार थे।

निवेशकों के लिए क्या संकेत हैं?

इस खबर ने छोटे और मिड-कैप निवेशकों में बेचैनी जरूर पैदा की है। लेकिन यह ध्यान देना ज़रूरी है कि अभी यह मामला प्रारंभिक चरण में है और अंतिम निर्णय में समय लग सकता है।

निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहकर कंपनी की अगली आधिकारिक घोषणाओं और NCLT की कार्यवाही पर नजर रखनी चाहिए।


निष्कर्ष

reliance infra के सामने कानूनी चुनौतियां खड़ी जरूर हुई हैं, लेकिन कंपनी ने फिलहाल कारोबार में किसी बड़ी बाधा की बात से इनकार किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले हफ्तों में कंपनी इस स्थिति से कैसे निपटती है और निवेशकों का भरोसा किस हद तक बहाल होता है।


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