नई दिल्ली:
भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों में आयोजित की जा रही सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल ‘ऑपरेशन शील्ड’ अब 31 मई को आयोजित की जाएगी। पहले यह ड्रिल 29 मई को होनी थी, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था।
किन राज्यों में होगी ड्रिल?
यह मॉक ड्रिल उन सभी पश्चिमी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की जाएगी जो पाकिस्तान की सीमा से लगते हैं, जैसे:
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जम्मू और कश्मीर
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पंजाब
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राजस्थान
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गुजरात
मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या है?
इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है आपातकालीन स्थितियों में नागरिक सुरक्षा प्रणाली की तैयारी को परखना और मज़बूत करना।
इन अभ्यासों में निम्नलिखित स्थितियों का अभ्यास किया जाएगा:
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ड्रोन हमलों की प्रतिक्रिया
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हवाई हमलों से निपटना
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साइलेंट रीकॉल (चुपचाप बुलावा)
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वॉलंटियर्स और सिविल डिफेंस वार्डन की तैनाती
ऑपरेशन सिंदूर और 7 मई की ड्रिल
इससे पहले, 7 मई को पहला राष्ट्रव्यापी सिविल डिफेंस अभ्यास हुआ था, जिसके कुछ घंटों बाद ऑपरेशन सिंदूर को लॉन्च किया गया।
यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
7 से 10 मई के बीच संघर्ष
इन हमलों के जवाब में पाकिस्तानी सेना ने सीमा और एलओसी पर भारी गोलीबारी की और ड्रोन व मिसाइल हमलों के ज़रिए भारत के कई इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की।
ड्रिल क्यों जरूरी है?
पहली ड्रिल में सामने आया कि कई संवेदनशील क्षेत्रों में सिविल डिफेंस की तैयारियों में गंभीर खामियां हैं।
इसके बाद गृह मंत्रालय के निर्देश पर आपातकालीन फंड जारी किया गया और राज्यों को तैयारी बढ़ाने के लिए कहा गया।
निष्कर्ष:
‘ऑपरेशन शील्ड’ जैसी मॉक ड्रिल्स भारत की सुरक्षा और नागरिकों की तैयारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। पाकिस्तान की ओर से बार-बार हो रही गतिविधियों को देखते हुए ऐसे अभ्यासों से जमीनी स्तर पर रिएक्शन टाइम और तैयारी का अंदाज़ा मिलता है।
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